May 17, 2024

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मानसिक रूप से स्वस्थ होना जरुरी : नंदिनी सक्सेना

किशोर – किशोरियों को बताये गैर संचारी रोगों से बचाव के उपायकिशोर स्वास्थ्य दिवस के दूसरे चरण का आयोजन 

शाहजहांपुर। राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरकेएसके) के अंतर्गत जनपद  के आठ  ब्लाकों के चयनित स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एस.पी गौतम के निर्देश पर  किशोर स्वास्थ्य दिवस  के दूसरे चरण का आयोजन किया गया। इसी क्रम में मंगलवार को सिंधौली ब्लॉक के ग्राम अनावा, मिश्रीपुर स्थित स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर किशोर स्वास्थ्य दिवस  के दूसरे चरण का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन थीम “गैर संचारी रोगों से बचने के उपाय”  को ध्यान में रखते हुए किया गया। किशोर स्वास्थ्य दिवस पर  ग्रामीण क्षेत्र के 10  से 19 वर्ष तक के किशोर-किशोरियों की लंबाई, वजन व हीमोग्लोबिन की जांच एएनएम सुनीता सिंह और हुसनारा के द्वारा की गयी। सभी किशोर-किशोरियों को आयरन की टेबलेट, एल्बेंडाजॉल टेबलेट और किशोरियों को सैनिटरी नैपकिन का निःशुल्क वितरण किया गया।
एएनएम सुनीता सिंह  द्वारा उपस्थित सभी किशोर – किशोरियों को किशोरावस्था में होने वाले शारीरिक, मानसिक, सामजिक व भावनात्मक बदलावों के  विषय में विस्तृत जानकारी दी गयी। किशोरियों को  माहवारी  से संबंधित विभिन्न पहलुओं के बारे में भी जानकारी दी गयी। किशोरावस्था में सही खान-पान, संचारी व गैर संचारी रोगों से बचाव, नशीले पदार्थो के सेवन सें होने वाली बीमारियां, युवावस्था में मानसिक अवसाद से मुक्ति, यौन शिक्षा एवं उनके मौलिक अधिकारों के प्रति जागरूक किया गया।
अजय कुमार – कॉउन्सलर राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम ने बताया कि गैर संचारी रोग डायबिटीज, कैंसर, हाइपरटेंशन आदि रोगों से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करना जरूरी है। उनको यह जानकारी देना भी जरूरी है कि कि गैर संचारी रोगों के उपचार के लिए अपने नजदीकी हेल्थ एवं वेलनेस सेंटरों पर तैनात समुदाय स्वास्थ्य अधिकारी की वह मदद ले सकते हैं। आयुष्मान भारत योजना के तहत गैर संचारी रोगों  पर विशेष  जोर दिया जा रहा है। इसके लिए आशा ने  घर घर जाकर लोगो का डाटा जुटा कर तैयार कर लिया है। इसके लिए गांव गांव चयनित स्थानों पर हेल्थ  एन्ड वेलनेस सेन्टर खुल चुके हैं  जिन पर सामुदायिक हैल्थ ऑफिसर व एएनएम की तैनाती है, 30 वर्ष की उम्र पूरी करने वाले प्रत्येक ग्रामीण की घर बैठे ही स्वास्थ्य जांच होगी। नंदिनी सक्सेना,  साईक्रेटिक शोसल वर्कर ने उपस्थित किशोर किशोरियों को मानसिक स्वास्थ्य के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि इन्सान को जितना शारीरिक रूप से स्वस्थ होना जरुरी है उससे कहीं  ज्यादा मानसिक रूप से स्वस्थ होना जरुरी है। किशोरावस्था  के दौरान किशोर किशोरियों का शारीरिक परिवर्तन होने के साथ  ही मानसिक परिवर्तन  भी होता है जिस दौरान मन को सही दिशा देना बहुत जरुरी है। अगर इस दौरान मन को किसी भी बुरी सांगत या बुरे कर्मों में लगा दिया तो जीवन बर्बाद हो सकता है। इसलिए मानसिक विकास के लिए सभी को अपने साथियों को सही दिशा देना बहुत जरुरी है अगर किसी भी किशोर किशोरी या बड़ों में मानसिक  के रोग का कोई लक्षण जैसे – किसी से बात न करना , बहुत अधिक बोलना , नींद न आना , घर की बहुत ज्यदा साफ सफाई करना , बार बार कुंडी बंद करना आदि तो उसे तुरंत जिला अस्पताल  के मन कक्ष में दिखाएँ साथ ही उन्होंने ने कहा कि झाड़ फूंक के चक्कर में आकर  मरीज को परेशान  न करें।
कार्यक्रम में कोविड-19 के प्रोटोकॉल को अपनाते हुए मेहंदी, रंगोली और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। स्वास्थ्य उपकेन्द्र अनावा की प्रतियोगिता में अच्छा प्रदर्शन करने वाले मैना को प्रथम सोनी को द्वितीय  और रागिनी को  तृतीय  विजेता  के रूप में पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया और अन्य प्रतिभागियों  को भी सांत्वना पुरस्कार देकर उनका उत्सावर्धन किया गया।
इस अवसर पर क्षेत्र की आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सहित पियर एजूकेटर और लगभग 40   किशोर-किशोरियों और उनके  अभिभावकों  ने प्रतिभाग किया।