May 17, 2024

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सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान शुरू, 11 नवम्बर तक चलेगा

  • सम्पर्क में आने वाले स्वस्थ व्यक्ति को भी रोगी बना सकता है क्षय रोगी
  • अभियान की सफलता के लिये मीडिया कार्यशाला आयोजित  

शाहजहांपुर। क्षय रोग को वर्ष 2025 तक देश से ख़त्म  करने के लिए राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम को शत-प्रतिशत सफल बनाने के लिए सघन क्षय रोगी  खोज  अभियान (ए.सी.एफ ) चलाकर क्षय रोगियों की पहचान और उनके इलाज पर जोर दिया जा रहा है। इसी कार्यक्रम के तहत जनपद में सोमवार को सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान की शुरुआत हुई, जो  11 नवम्बर  तक चलेगा। अभियान को सफल बनाने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय मीडिया कार्यशाला मुख्य चिकित्सा अधिकारी सभागार पुराना जिला अस्पताल में आयोजित हुई। कार्यशाला के दौरान कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन किया गया। डा. एस.पी.गौतम मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि अभियान जनपद की कुल 34 लाख जनसंख्या की 10 प्रतिशत आबादी के मुताबिक़ चिन्हित अतिसंवेदनशील क्षेत्र जैसे – डिस्ट्रिक्ट टी.बी क्लिनिक ,  पुवायां , तिलहर , जलालाबाद , अल्लागंज और भावलखेड़ा सहित 6 ट्रीटमेंट यूनिट से करीब 3.4 लाख जनसंख्या को कवर किया जायेगा। अभियान को सफल बनाने के लिए 136 टीमों का गठन किया गया है। एक टीम में 3 सदस्य कार्य करेंगे। टीमों के सहयोगात्मक पर्यवेक्षण के लिए 28 सुपरवाइजारों को रखा गया है। हर सुपरवाइजर 5 टीमों को देखेगा तथा क्षेत्र में चिकित्सकीय परामर्श के लिए 9 चिकित्सा अधिकारी मौजूद रहेंगे। टीम में आशा ,आंगनबाड़ी और स्वयंसेवी कार्यकर्ताओं को रखा गया है । डा. नरेशपाल सिंह, जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि ट्यूबरक्लोसिस (टी.बी.) माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस नामक जीवाणु से होने वाला रोग है। यह बहुत ही संक्रामक रोग है और इसका इलाज़ न लेने पर एक क्षय रोगी एक वर्ष में अपने संपर्क में आने वाले 10 से 12 स्वस्थ व्यक्तियों में क्षय रोग  फैला सकता है। इसी  श्रृंखला   को तोड़ने के लिए सघन क्षय रोगी खोज  अभियान को चलाया जाता है। अभियान के माध्यम से संवेदनशील क्षेत्रों से सभी क्षय रोगियों को खोजकर सभी को क्षय रोग उन्मूलन विधि के तहत एक साथ उपचार देकर स्वस्थ किया जायेगा तथा जन समुदाय को क्षय रोग और कोरोना से बचाव हेतु प्रेरित किया जायेगा। साथ ही उन्होंने बताया कि क्षय रोग और कोरोना दोनों बीमारियों के काफी लक्षण समान हैं। अगर किसी व्यक्ति में क्षय रोग की पुष्टि  होती है तो उसका कोरोना परीक्षण भी किया जायेगा। क्षय रोग के मुख्य लक्षण – दो सप्ताह या उससे अधिक समय से लगातार खांसी  का आना, खांसी के साथ बलगम का आना, बुखार , विशेष रूप से शाम को बढ़ने वाला, वज़न का घटना, भूख कम लगना, सीने में दर्द, बलगम के साथ खून आना आदि। एक क्षय रोगी अपने सम्पर्क में आने वाले स्वस्थ व्यक्ति को भी रोगी बना सकता है  क्योंकि क्षय रोगी के बलगम में   टीबी के बैक्टीरिया  पाए जाते हैं। यह बैक्टीरिया  रोगी के खांसने  , छींकने और थूकने से हवा में फैल जाते हैं और सांस के द्वारा स्वस्थ व्यक्ति के फेफड़ो में पहुंचकर   टीबी का रोग उत्पन्न कर सकते हैं। इस कार्यशाला के दौरान डा. फैशलखान , आरती सिंह , रंजीत सक्सेना , सिद्धार्थ गुप्ता , सुखवीर  यादव , अफरोज खान सहित मीडिया  प्रतिनिधि उपस्थित रहे ।