May 17, 2024

CNI News

– ताजा हिंदी समाचार –

गोल्डन कार्ड साबित हुआ वरदान-ओमवती

मुरादाबाद। सरकार की आयुष्मान भारत योजना में करीब 15,400 अस्पताल को जोड़ा गया है. जिनमें से 50 प्रतिशत निजी अस्पताल हैं। प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने गरीबों के मुफ्त इलाज के लिए आयुष्मान भारत योजना को शुरू किया। इस योजना द्वारा करीब 10 करोड़ गरीब और कमजोर परिवारों को निशुल्क इलाज की सुविधा देने का लक्ष्य रखा गया।आयुष्मान भारत योजना भारत सरकार की एक स्वास्थ्य बीमा योजना है।इस योजना के तहत गरीब लोगों को प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये तक के ईलाज के लिए कैशलेश कवरेज प्रावधान है।इस योजना के द्वारा लाभार्थी सार्वजनिक और निजी दोनों तरह के अस्पतालों में इलाज की सुविधा प्राप्त कर रहे हैं इसके बारे में देश के प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि देश का कोई भी नागरिक गरीबी के चलते उपचार से वंचित न रह जाए।आयुष्मान भारत योजना के  *जिला समन्वयक डॉ.पीतांबर सिंह का* कहना है कि आयुष्मान भारत योजना गोल्डन कार्ड धारकों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इसमें सामान्य बीमारी से लेकर घुटना प्रत्यारोपण, पैर की हड्डी से लेकर छोटे-बड़े ऑपरेशन के साथ ही जांच और दवा का भी एक भी पैसा नहीं लगता है। ऐसे एक दो नहीं बल्कि 18615 मरीज हैं, जिन्होंने कार्ड की मदद से अस्पतालों में अपना इलाज कराया और अब वो राहत महसूस कर रहे हैं। इसमें मरीज का कोई पैसा खर्च नहीं हुआ। किसी ने घुटने का प्रत्यारोपण कराया तो किसी के अपेंडिक्स, पथरी और पैर की हड्डी सहित अन्य बीमारियों का ऑपरेशन भी इसी योजना के तहत कराया।

उन्होंने बताया कि जिले में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 219775 परिवारों और मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के अंतर्गत 28788 परिवारों का चयन किया गया है  इनमें से विभाग के दावों के मुताबिक 2 लाख आठ हजार लोगों के गोल्डन कार्ड जारी किये जा चुके हैं ऐसे लोगों को विभाग की ओर से योजना के तहत पंजीकृत 27 निजी और 10 सरकारी अस्पतालों में जाकर इलाज कराने की सुविधा है। योजना के अनुसार अस्पताल में भर्ती होने के बाद मरीज को इलाज, जांच, ऑपरेशन और फिर डिस्चार्ज होने के बाद 15 दिन तक नि:शुल्क दवाइयां भी अस्पताल से ही मिलेंगी।डॉ.पीताम्बर सिंह ने बताया कि जनपद के कुल 944 राजस्व ग्राम में गोल्डन कार्ड लाभार्थी हैं।अब तक चिकित्सालयों द्वारा 18 करोड़ रुपयों का इलाज किया जा चुका है जिसके सापेक्ष उन्हें साढ़े पन्द्रह करोड़ का भुगतान भी किया जा चुका है।ठाकुरद्वारा के मोहल्ला काशीपुर रोड चामुंडा मंदिर के पास रहने वाली *आयुष्मान लाभार्थी ओमवती देवी*  की कहानी भी बिल्कुल ऐसी ही है उन्होंने बताया की उल्टी और गैस की शिकायत के चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा यह तो अच्छा ही था कि मेरा आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डन कार्ड बना हुआ था 2 दिन अस्पताल में भर्ती रहने के पश्चात 50 वर्षीय ओमवती की हालत में सुधार होने पर उन्हें डिस्चार्ज किया गया।उन्होंने बताया कि यदि आयुष्मान का गोल्डन कार्ड मेरे पास नहीं होता तो इतना पैसा इलाज में खर्च करने के लिए कहां से आता एक तो वैसे ही लॉकडाउन के चलते आर्थिक स्थिति बिगड़ी हुई थी ऊपर से अचानक आई बीमारी,भला हो प्रधानमंत्री मोदी की इस योजना का जिसके द्वारा मुझे इलाज मिला और मेरा कोई पैसा भी खर्च नहीं हुआ ।कार्ड कैसे बना ये पूछने पर उन्होंने बताया की सरकारी अस्पताल से उनके पास फोन आया था कि आपका नाम गोल्डन कार्ड बनवाने वालों की सूची में है आप अस्पताल आकर अपना कार्ड बनवा लें वहां जाने पर उनका निशुल्क गोल्डन कार्ड बना था जो कि उनके बहुत काम आया।