May 17, 2024

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बहुजन आदेश पार्टी का नेतृत्व करेंगी पूर्व सांसद सारिका बघेल

आगरा। गत रविवार को धनगर अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्रों के मुद्दे पर भाजपा छोड़ देने वाली पूर्व सांसद श्रीमती सारिका बघेल ने आज अपनी नई पार्टी की घोषणा कर दी है। पार्टी का नाम ‘बहुजन आदेश पार्टी’ होगा और पार्टी में सभी सामाजिक वर्गों के लोगों को समुचित स्थान एवं दायित्व दिया जाएगा ताकि वह सम्मानजनक ढंग से अपने वर्ग में पार्टी की विचारधारा एवं अपने समाज की समस्या पार्टी के सामने रख सके। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के दरवाजे समाज के हर वर्ग के लिए खुले हैं किंतु पछाड़े हुए और दबाए हुए वर्गों के आर्थिक–सामाजिक और राजनीतिक उन्नयन के लिए पार्टी विशेष योजना बनाकर कार्य करेगी। पार्टी गठन की प्रक्रिया में प्रजापति समाज की अनुभवी सामाजिक नेता श्रीमती मंजुलता गोला राष्ट्रीय अध्यक्ष बनीं तो राष्ट्रीय महामंत्री वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी सविता राजपाल सिंह आर्य , राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महाराज सिंह बघेल और कोषाध्यक्ष श्री महेंद्र सिंह बने। श्रीमती सारिका बघेल पूर्व सांसद पार्टी की राष्ट्रीय संयोजक और धनगर देवेन्द्र सिंह बघेल पार्टी के संरक्षक बने।
इस दौरान आयोजित प्रेस वार्ता में पार्टी अध्यक्ष श्रीमती मंजुलता गोला ने कहा कि जिन सामाजिक वर्गों की आवाज सरकार के सामने और सदन में कोई उठाने को तैयार नहीं है उनकी आवाज ‘बहुजन आदेश पार्टी’ बनेगी। उन्होंने कहा कि जिस वर्ग के लोग विधानसभा और संसद में नहीं होते उनके हक में आखिर कानून बनेंगे भी कैसे ? अब बहुजन आदेश पार्टी बहुसंख्यक समाज के ईमानदार विधायक–सांसद बनाने का काम करेगी।
पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री सविता राजपाल सिंह आर्य ने कहा कि अब तक कमजोर रखे गए सामाजिक वर्गों के लोग अब किसी के मोहताज नहीं रहेंगे और खुद आपस में मिलकर राजनीति क्षेत्र में एक नया आयाम तय करेंगे ।

पार्टी संरक्षक धनगर देवेंद्र सिंह बघेल ने कहा कि बहुजन आदेश पार्टी सबसे पहले धनगर–अध्यादेश के विषय पर समाज को जागरूक करेगी और सरकार को घेरेगी क्योंकि धनगर अनुसूचित जाति प्रमाण–पत्र धनगर समाज की सबसे ज्वलंत समस्या है जिसे पिछली सभी सरकारों सहित वर्तमान भाजपा सरकार भी वोट बैंक का मुद्दा मानकर इस्तेमाल कर रही हैं ,किंतु किसी ने धनगर समाज के आम आदमी को धनगर प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने का रास्ता नहीं खोला।

पार्टी संरक्षक ने कहा कि उत्तर–प्रदेश सरकार का इस आशय का अध्यादेश कि “उत्तर–प्रदेश की अनुसूचित जातियों एवं जनजातियों की सूची के हिंदी संस्करण गजट में संवैधानिक संशोधन न होने तक अंग्रेजी संस्करण के उच्चारण DHANGAR के अनुसार ही हिंदी संस्करण के त्रुटिपूर्ण लिखे धंगड़ को धनगर ही समझा जाए।”
आम धनगरों को धनगर प्रमाण–पत्र मिलने का यही एकमात्र रास्ता है बाकी सब फर्जीवाड़ा है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार की नीयत साफ है तो यह अध्यादेश पास करा कर शीघ्र ही वह धनगर समाज के सामने अपनी ईमानदारी का परिचय दे और उनके द्वारा अब तक दिए गए वोट का हिसाब–किताब करे। उन्होंने यह भी कहा कि गैर भाजपा दल भी सुन लें कि जो धनगर समाज का हित चाहते हैं वे सब धनगर अध्यादेश के मुद्दे के संघर्ष में हमारे साथ आएं , वोट बैंक की कोरी राजनीति न करें अन्यथा धनगर समाज उनसे भी दो टूक हिसाब–किताब करने को मजबूर होगा।
पार्टी संरक्षक ने 10 दिन में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति एवं प्रदेश सहित पार्टी कार्य क्षेत्र में प्रमुख पदाधिकारियों की नियुक्ति और अगले एक माह में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पार्टी खड़ी करने की बात कही।