May 17, 2024

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योगीराज में गाय त्रस्त, जिम्मेदार मस्त

गोकर्ण ऋषि गौशाले में जिम्मेदारों की लापरवाही व उदासीनता के चलते संसाधन के अभाव में गोवंश आये दिन दम तोड़ रहे है और सिस्टम के जिम्मेदार अधिकारी महज कागजी खानापूर्ति में लगे हैं

ऊँचाहार। क्षेत्र के पट्टी रहस कैथवल स्थित गोकर्ण ऋषि गौशाले में जिम्मेदारों की लापरवाही व उदासीनता के चलते संसाधन के अभाव में गोवंश आये दिन दम तोड़ रहे है और सिस्टम के जिम्मेदार अधिकारी महज कागजी खानापूर्ति करके गौशाले की देख रेख का हवाला देते नजर आ रहे है।
सनातन धर्म में जिन गोवंशों की पूजा की जाती हैं और उन्हें गाय माता का दर्जा दिया जाता है उन्हीं गौवंशो की बदतर दशा देखकर आंखों में आंसू आ जाते है।
बताया ये जाता है कि गोवंशों की देखरेख व चारे के लिए आबंटित होने वाले धन को सिस्टम के अधिकारी उस चारे की तरह खा जाते है जिस चारे को बिहार में लालू प्रसाद खाकर आज जेल की हवा खा रहे है तो इन गौवंशो का चारा खाने वाले व गौवंशो को बदतर दशा में पहुंचाने वाले जिम्मेदारों पर कार्यवाही कब होगी ये सवाल है सूबे की योगी सरकार से।
तस्वीरे पट्टी रहस कैथवल स्थित गौशाले की है जहां 283 गौवंशो को रखने का मानक है लेकिन वर्तमान में यहां पर करीबन चार सौ गौवंशो को रखा गया है जिसके चलते हालात ऐसे हैं कि उनके खाने के लिए पर्याप्त मात्रा में न तो हरे चारे की कोई व्यवस्था है और न भूसे की।जिसके कारण पर्याप्त संसाधन के अभाव में गौवंश दम तोड़ रहे है।
ये उन गौवंशो की दुर्दशा की कहानी है जिन गौवंशो की पूंछ पकड़कर बीजेपी राजनीति की वैतरणी पार करती आई है ये आरोप लगते रहे भारतीय जनता पार्टी पर।
वहीं जब मामले में खण्ड विकास अधिकारी विजयंत सिंह से पूछा गया तो उनका गैर जिम्मेदाराना बयान सामने आया बीडीओ ने कहा कि गौवंशो का इलाज प्रतिदिन कराया जाता है वहीं पशु चिकित्सक आर के सोनकर ने बताया कि हमारे द्वारा गौवंश का इलाज किया गया था लेकिन उसने दम तोड़ दिया
जबकि क्षेत्रीय लोगों की माने तो उनके मुताबिक न ही कोई चिकित्सक गौवंशो के इलाज के लिए यहां आता है और न ही कोई जिम्मेदार अधिकारी इनकी सुध लेता है सिर्फ कागजी दस्तावेजों में ही गौवंशो की सेवा की कर दी जाती है।