May 17, 2024

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गांव का विकास करने की बजाए खुद का विकास कर गए प्रधान

बदायूं। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद लोगों में एक आस जगी थी, अब विकासकार्यों में भ्रष्टाचार करने वाले प्रधानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकेगी। गांव में समस्याएं दूर होंगी। पक्की सड़कें होंगी। स्वच्छ पेयजल होगा। ऐसी तमाम उम्मीदों को आज भी झटका लगा हुआ है बिल्सी तहसील की सबसे बड़ी ग्राम सभा खंडवा में तमाम सरकारी योजनाओं का धन बंदरबांट कर लिया गया और ग्रामीणों को मिली सिर्फ मायूसी। करीब सात मतदाताओं वाली ग्राम सभा खंडवा को शासन की ओर से विकास कार्यों के लिए बड़ी धनराशि अब मुक्त की जाती है। इसका प्रमाण गांव में जगह जगह लगे साइन बोर्ड पर दिखाई देते हैं लेकिन धरातल पर गांव में कोई भी विकास कार्य नजर नहीं आ रहा है। घरों का पानी सड़कों पर है और कूड़ा दरवाजे पर। दबंगई ऐसी, बोलने वाले ग्रामीणों के साथ मारपीट कर दी जाती है। ग्रामीणों की माने, पिछले 15 सालों में शासन की ओर से मिलने वाले सभी धन का प्रधान एवं अफसरों ने मिलकर बंदरबांट कर लिया। इसकी वजह से गांव की समस्याएं जस की तस बनी हुई है।
स्कूलों में सिर्फ चावल—
ग्राम सभा खंडवा से करीब 10 मजरे जुड़े हुए हैं। इन गांव में 10 प्राथमिक  एवं  उच्च प्राथमिक स्कूल  है।  सूत्रों की माने  स्कूलों में पिछले 15 वर्षों से सिर्फ बच्चों को चावल खाने के लिए दिया जाता है। इनमें  मसालों का प्रयोग भी मानक के अनुरूप नहीं होता है। मिड डे मील की अगर जांच हो तो बड़ा सच सामने आ जाएगा।
मनरेगा में भी गोलमाल—
मनरेगा के अंतर्गत भी इस बड़ी ग्राम पंचायत में बड़े पैमाने पर गोलमाल किया गया है। जिसका उजागर हरी बाबू गुप्ता एवं किशन वीर सिंह ने किया है। बिना मजदूरी के जॉब कार्ड धारकों से पैसा निकाला जा रहा है। इसमें कुछ पैसे मजदूरों को देखकर धमका कर भगा दिया जाता है। शिकायत करने के बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई।
पीने को नहीं मिला पानी—
ग्राम पंचायत में ओवरहेड टैंक से पानी की सप्लाई दी जाती थी। लेकिन टंकी चालू होने के चंद दिनों बाद ही प्रधान द्वारा बंद करा दी गई। इसकी वजह से ग्रामीणों को एवं पशुओं को पेयजल की दिक्कत भी बनी हुई है। इसके अलावा मजरा में भी पानी नहीं पहुंचाया गया।
घटिया क्वालिटी की लगी लाइट—
शासन से धन अवमुक्त होने के बाद गांव में सोलर लाइटिंग लगाई गई लेकिन यह चंद दिन चलने के बाद बंद हो गई। ग्रामीणों का कहना है, घटिया क्वालिटी की सोलर लाइट लगाकर बड़ी रकम निकाल ली गई।
गायब हो गए कूड़ेदान—
ग्रामीणों को स्वच्छता का पाठ पढ़ाने के लिए गांव में कूड़ेदान लगाए गए थे। इन कूड़ेदान की क्वालिटी इतनी घटिया थी, जो चंद दिनों में टूट गए इस मामले में पिछले दिनों जिले भर में हो-हल्ला भी मचा था। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
कॉलेज में भी गोलमाल—
वर्तमान प्रधान का जेठ करतार सिंह यादव हायर सेकेंडरी स्कूल के प्रबंधक पद पर पिछले 15 वर्षों से दबंगई के बल पर काबिज है। स्कूल के नाम 70 बीघा जमीन पर बड़ा गोलमाल किया जाता रहा है। ग्रामीणों ने विरोध करते हुए जांच बैठलवा दी, लेकिन नतीजा शून्य रहा। अफसरों ने रकम लेकर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया।
सपा में चलती थी सत्ता की हनक—
इस समय 10 वर्ष के पूर्व प्रधान करतार सिंह यादव के भाई गिरंद यादव की पत्नी हेमलता गांव की प्रधान है। समाजवादी सरकार में इस परिवार की हनक के डर से गांव के लोगों को विरोध करना मुश्किल काम था। लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद भी इस परिवार की हनक कम नहीं हो रही है और लोगों की मूल जरूरतों की रकम को आसानी से डकार आ जा रहा है।