May 17, 2024

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विश्व संगीत कुम्भ का 17 वाँ दिन सम्पन्न

सितार की झनकार ने किया श्रोताओं को मदहोश

मथुरा। पद्मभूषण पं० सामता प्रसाद ट्रस्ट ऑफ तबला, प्रयागराज के तत्वावधान में पद्मभूषण पं० सामता प्रसाद जी की 101 वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित “विश्व संगीत कुम्भ” के 17 वें दिन सर्वप्रथम लखनऊ के तुषार सहाय ने तीन ताल में स्वतंत्र वादन प्रस्तुत किया। आपने पेशकार, कायदा, रेला, चक्रदार, गत, टुकड़े, परन, विभिन्न घरानों की कतिपय बंदिशें प्रस्तुत कर महाराज जी को श्रद्धांजलि अर्पित की।
इसके पश्चात विदुषी प्रो० कृष्णा चक्रवर्ती (वाराणसी) ने सितार वादन प्रस्तुत किया।
दूसरी प्रस्तुति के तहत विदुषी प्रोफेसर कृष्णा चक्रवर्ती जी ने राग वाचस्पति की अवतारणा की। इसमें आपने आलाप, जोड़, झाला तथा विलम्बित गत तीन ताल में व द्रुत गत एक ताल में, उसके बाद द्रुत गत तीन ताल में और झाला का वादन किया। अंत में आपने राग मिश्र खमाज व दादरा ताल में निबद्ध एक धुन प्रस्तुत करके महाराज जी को श्रद्धांजलि अर्पित की।आपके साथ श्री पंकज राय ने तबले पर उत्कृष्ट संगति की। नीराजना शर्मा ने उत्कृष्ट संचालन कर श्रोताओं को चमत्कृत किया। विगत कुछ दिनों से अनिद्रा रोग से पीड़ित संगीत-मनीषी डॉ० राजेन्द्र कृष्ण अग्रवाल (मथुरा) ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि जैसे ही सितार पर राग वाचस्पति की अवतारणा की, मैं गहरी नींद के आगोश में समा गया और जब मेरी बेटी एकता ने मुझे झिंझोड़ा तब जाकर उठ पाया हूँ और अब उनींदी अवस्था में ही सबको धन्यवाद देता हूँ। आप मुझे क्षमा करें। इस ऑनलाइन समारोह में ट्रस्ट की सचिव व विश्व संगीत कुम्भ की संयोजिका डॉ० रेनू जौहरी, अध्यक्ष श्रीमती शकुन्तला जौहरी, संरक्षिका डॉ० शशि भारद्वाज, पर्यवेक्षक प्रो० पंकज माला शर्मा व श्री राजीव किशोर श्रीवास्तव, डॉ० इन्दु शर्मा, डॉ० संध्या वर्मा, डॉ० कविता श्रीवास्तव, नागेन्द्र मिश्र, शिवांगी सक्सेना, एकता गुप्ता, विक्की कुमार आदि उपस्थित रहे। ऊर्जा श्रीवास्तव, कामिनी निषाद, स्फूर्ति श्रीवास्तव, इंदाली शर्मा, दर्शी श्रीवास्तव, एकता विशाल बंसल, आलोक अग्रवाल, अंतस प्रकाश ने सक्रिय योगदान दिया।