May 17, 2024

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40 दिवसीय महापर्व ” विश्व संगीत कुंभ ” का नौवां दिन, जानिए क्या-क्या हुआ…..

मथुरा। पद्म भूषण पंडित सामता प्रसाद ट्रस्ट ऑफ तबला, प्रयागराज के तत्वावधान में पं० गुदई महाराज की 101वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित 40 दिवसीय महापर्व ” विश्व संगीत कुंभ ” के नौवें दिन संयोजिका डॉ० रेनू जौहरी ने शंखनाद से कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए इस हेतु कलश-स्थापन की महत्ता बताते हुए कहा कि इसके मुख में भगवान विष्णु का, कंठ में भगवान रुद्र का व मूल में ब्रह्मा जी का वास है। मध्य में मातृगण हैं। अन्य सभी देवी देवताओं की उपस्थिति के साथ इसमें तबले के देवता पद्मभूषण पं० सामता प्रसाद जी की भी सूक्ष्म उपस्थिति है। यह कलश जल से परिपूर्ण है व इसके ऊपर दीपक के रूप में अग्नि का वास है। यहाँ इनके आह्वान का मुख्य उद्देश्य है दिव्य सत्ताओं की उपस्थिति और नकारात्मक तत्त्वों के विनष्ट होने हेतु से है।
आगरा की शुभ्रा तलेगांवकर ने पहली प्रस्तुति के रूप में गायन के अंतर्गत राग मेघ की अवतारणा की। जिसमें दो रचनाओं में प्रथम रचना ताल रूपक में “गरज मेघा छाये” मध्य त्रिताल में “घनन घिर आए बदरा” को सुमधुर रूप से प्रस्तुत किया। स्वर लगाव तान तैयारी राग की प्रस्तुति उच्च स्तरीय थी।

व्दितीय प्रस्तुति के अंतर्गत पं० केशव तलेगांवकर ने तबला स्वतंत्र वादन में विश्व संगीत कुम्भ के नवम दिन के अनुष्ठान ताल बसंत में विभिन्न रचनाएं तदोपरांत त्रिताल में कुछ रचनाओं को प्रस्तुत किया।

हार्मोनियम (संवादिनी) पर कुशलता से संगति दी पं०रवीन्द्र तलेगांवकर ने । उन्होंने कहा पं गुद्द्ई महाराज जी का हमारे परिवार के साथ अत्यंत आत्मीय पारिवारिक संबंध रहा।
आपके वादन में अजराड़ा घराना, बनारस घराना व पखावज के बाज का मिश्रण अत्यंत रोचक रहा। संगीत मनीषी डॉ० राजेन्द्र कृष्ण अग्रवाल ने कार्यक्रम के अन्त में धन्यवाद ज्ञापन किया। इस ऑनलाइन कार्यक्रम में – श्रीमती शकुन्तला जौहरी, डॉ० शशि भारद्वाज, प्रो० पंकज माला, राजीव किशोर श्रीवास्तव, डॉ कुहू मालवीय, डॉ० प्रियंका मिश्रा, डॉ० संध्या वर्मा, डॉ कविता श्रीवास्तव, आशीष कुमार अग्रवाल, अनीता बंसल, डॉ. मंगला मठकर, गिरीन्द्र तलेगांवकर सहित हजारों लोग उपस्थित रहे।
कामिनी निषाद, ऊर्जा श्रीवास्तव, इंदाली शर्मा, दर्शी श्रीवास्तव, स्फूर्ति श्रीवास्तव, आलोक अग्रवाल, अंतस प्रकाश ने सक्रिय प्रतिभाग किया।