- पुण्यतिथि पर स्मरण
मथुरा। मथुरा के गांव मखदूम (फरह) के केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान परिसर का यह चित्र कई साल पुराना है। आप पहली नजर में जान गए होंगे कि बीच में स्वेटर पहने चल रहे हैं एक जमाने के सुपर स्टार राजेश खन्ना। उनके हाथ में प्लास्टर चिपका हुआ है।
यह वाकिया उस वक्त का है, जब इस सुपर स्टार के सितारे गर्दिश में थे। बात कुछ यूं है कि बर्थ डे पर उनके बंगले पर प्रशंसक नहीं पहुंचे। बंगले का जो लोन कभी बर्थ डे के बुके और मिठाई के पैकेट्स से अटा रहता था, वह सूना था।
राजेश खन्ना ने बुरे वक्त से समझौता करने की नीयत से अपने एक जिगरी दोस्त को फोन किया और कहा कि अब मैं ‘मुंबई की बेरुखी’ से दूर अपने पुणे वाले कृषि फार्म पर रहना चाहता हूं। वहां कोई काम करते हैं। बातों ही बातों में विचार सूझा कि कृषि फार्म पर क्यों न भेड़- बकरी पाली जाएं। फिर विचार आया कि मथुरा में भारत सरकार का बकरी अनुसंधान संस्थान है। वहां चलते हैं और भेड़ बकरी पालने के टिप्स लेकर आते हैं।
अपने मित्र के साथ राजेश खन्ना एक दिन दिल्ली होते हुए अचानक इस संस्थान में आ धमके। उन्हें अपने बीच पाकर वैज्ञानिक चकित रह गए। रात को संस्थान के अतिथि गृह में दोनों को ठहराया गया। अगले दिन तमाम वैज्ञानिकों के बच्चे व उनकी पत्नियां राजेश खन्ना के साथ फोटो खिंचवाने पहुंचे। 2012 में मैं दैनिक कल्पतरू एक्सप्रेस के मथुरा संस्करण का सर्वे सर्वा था। मुझे यह कुछ साल पुराना यह फोटो संस्थान के एक वैज्ञानिक ने भेजा था।
:- चंद्रप्रताप सिंह सिकरवार
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